देश के जाने-माने राजनेता एवं सीपीआईएम (CPIM) के महासचिव सीताराम येचूरी (Sitaram Yechuri) का बीते 12 सितंबर को दिल्ली एम्स में निधन हो गया। वह लंबे समय से निमोनिया जैसी बीमारी से ग्रसित थे। सीताराम येचूरी हमेशा गरीब, मजलूमों की कान और आँख बनकर उनकी अवाज को सड़क से संसद तक उठाया करते थे।
देश-दुनिया के विषय पर गंभीर और गहरी समझ रखने वाले सीताराम येचूरी (Sitaram Yechuri) अपने निजी जीवन में बहुत ही मजाकिया किस्म के इंसान थे। ScoopWhoop के एक एपीसोड में उन्होंने अपनी पत्नी सीमा चिस्ती (Seema chishti) की तारीफ करते हुए कहा था कि ‘सच तो ये है कि ये मेरा भरण पोषण करती हैं, ये बातें काफी दिनों तक सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बनी थी।’

इसके अलावा उन्हें कई मौक़े पर ऑन कैमरा कैप्चर किया गया, जिसमें वह राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों और अपनों के साथ हंसी-ठिठोली करते नजर आए। हंसी-ठिठोली के उन्ही पलों में से उनका एक किस्सा काफी मशहूर है। दरअसल, 5 दिसंबर 2022 को पीएम मोदी (Narendra Modi) ने G20 समिट को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस दौरान एक तस्वीर इंटरनेट पर खूब वायरल हुई जिसमें सीताराम येचुरी और पीएम मोदी ठहाके लगा रहे थे।
खैर, कुछ ही दिन बीतने के बाद खुद येचूरी ने वायरल तस्वीर का भेद खोल दिया। कांग्रेस पार्टी के कार्यक्रम ‘जश्न-ए-एकता’ में येचुरी से उस फोटो पर नवभारत टाइम्स के पत्रकार ने सवाल पूछा। जवाब में येचुरी ने बताया कि ‘हमने मीटिंग में जो बातें कहीं, उससे मोदी जी काफी नाराज थे। उसी को मेकअप करने के लिए वो आए और हमसे कहा कि मिठाई खिलाओ… हमने पूछा काहे… तो उन्होंने कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कह दिया कि जय श्रीराम नहीं बोलना है, जय सीताराम बोलना है, इसलिए आप मिठाई खिलाओ…।’
येचुरी ने आगे कहा, ‘मोदी जी, शायद आपको याद होगा… आप मौजूद थे सदन में… जब आप ही के साथी ने कहा था कि नाम सीताराम है तुम्हारा, लेकिन बातें ऐसी क्यों करते हो? वो नाराज थे कि हम सांप्रदायिकता के खिलाफ बातें कैसे करते हैं। तब हमने जवाब दिया कि मेरा नाम लेकर आप मुझे गाली ही दे दो, फिर भी पुण्य ही मिलेगा क्योंकि सीताराम बोलना पड़ेगा आपको…।’ येचुरी ने कहा कि इस बात पर मोदी जी हाथ पकड़कर हंसने लगे।

यह हमेशा हँसने-मुस्कुराने वाला शख़्स अपने करोड़ों चाहने वालों की आँखों में आँसू की बुँदे देकर किसी लंबी यात्रा पर निकल गया। पर वह लौटेगा दिल्ली के रामलीला मैदान में जहां लोग मजलूम-वंचितों के हक और हिस्सेदारी के लिए जुलूस निकालेंगे। वह घुंघराले बालों वाला शख़्स उसी भीड़ मे ‘इंक़लाब’ का नारा लगाते हुए दिख जाएगा। वह उस हर एक कॉमरेड के दिलों में लौटेगा जो अपने गांव कस्बों में अन्याय के खिलाफ पिछड़ों की आवाज उठाएगा। वह एक बार फिर लौटेगा जेएनयू की सड़कों पर छात्रों के बीच डफली बजाते हुए।
वाकई,यह घुंघराले बालों वाला शख़्स बहुत याद आएगा।
गुड बाय कॉमरेड