26 सितंबर, 2024 को, चार देशों के समूह (G4) — भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान — ने संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद (UNSC) के सुधार की तात्कालिक आवश्यकता पर चर्चा की, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र अपने 80वें वार्षिक जश्न की ओर बढ़ रहा है। G4 देशों ने लंबे समय से UNSC में स्थायी सदस्यता की मांग की है ताकि 21वीं सदी की भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को बेहतर तरीके से दर्शाया जा सके।
बैठकों के दौरान, G4 ने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर दिया:
- सुधार की तात्कालिकता: देशों ने कहा कि UNSC की वर्तमान संरचना पुरानी हो चुकी है और यह वैश्विक जनसंख्या के एक महत्वपूर्ण हिस्से के हितों का सही प्रतिनिधित्व नहीं करती। उन्होंने इन विषमताओं को दूर करने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की।
- वैश्विक प्रतिनिधित्व: G4 ने तर्क किया कि UNSC का विस्तार उसकी वैधता और प्रभावशीलता को बढ़ाएगा, जिससे वैश्विक शासन में अधिक समावेशी दृष्टिकोण संभव होगा। उनका मानना है कि स्थायी सीटें उन उभरती अर्थव्यवस्थाओं और क्षेत्रों को दी जानी चाहिए, जो ऐतिहासिक रूप से अवास्तविक रहे हैं।
- अन्य देशों का समर्थन: G4 के सुधार की मांग को विभिन्न सदस्य देशों से समर्थन मिला है, जो UN ढांचे में बदलाव की आवश्यकता पर बढ़ते सहमति को दर्शाता है। उन्होंने अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए अन्य देशों के साथ गठबंधन बनाने की कोशिश की है।
- व्यापक बदलाव की मांग: G4 ने कहा कि सुधार केवल UNSC की संरचना तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि इसके कार्य करने के तरीकों और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को भी शामिल करना चाहिए। उनका मानना है कि ये बदलाव समकालीन वैश्विक चुनौतियों को संबोधित करने के लिए आवश्यक हैं।
- बहुपक्षीयता के प्रति प्रतिबद्धता: G4 ने बहुपक्षीयता और सहयोगात्मक अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से रेखांकित किया, खुद को एक अधिक समान वैश्विक व्यवस्था के लिए वकील के रूप में प्रस्तुत किया।
ये चर्चाएं UN के लिए एक महत्वपूर्ण समय में हो रही हैं, क्योंकि सदस्य देश जलवायु परिवर्तन, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और मानवता से जुड़े संकटों सहित विभिन्न मुद्दों का सामना कर रहे हैं। G4 का सुधार की मांग UNSC के भविष्य और वैश्विक शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने में उसकी भूमिका पर एक व्यापक संवाद को प्रारंभ करने का लक्ष्य है।