22 नवंबर 2024 — 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनावों के बाद किए गए हालिया एग्जिट पोल्स से पता चलता है कि महाराष्ट्र और झारखंड में बीजेपी-नेतृत्व वाले गठबंधनों को महत्वपूर्ण बढ़त मिली है। जैसे-जैसे वोटों की गिनती 23 नवंबर को होने जा रही है, सभी की नजरें इन अनुमानों पर टिकी हैं, जो पिछले चुनावों में मिली ऐतिहासिक गलतियों के संदर्भ में आ रहे हैं।
महाराष्ट्र: महायुति गठबंधन के लिए अनुकूल भविष्यवाणी
महाराष्ट्र में एग्जिट पोल्स महायुति गठबंधन, जिसमें बीजेपी, शिवसेना और अजित पवार का एनसीपी शामिल है, के लिए एक मजबूत प्रदर्शन का संकेत देते हैं। अधिकांश पोल्स बताते हैं कि गठबंधन 288 सदस्यीय विधानसभा में एक बड़ा संख्या प्राप्त कर सकता है। प्रमुख अनुमानों में शामिल हैं:
- पीपुल्स पल्स ने NDA के लिए 175-195 सीटें की भविष्यवाणी की है।
- मैट्रिज ने NDA के लिए 150-170 सीटें और कांग्रेस-नेतृत्व वाले विपक्ष के लिए 42% वोट शेयर का अनुमान लगाया है।
- P-MARQ ने NDA के लिए 137-157 सीटें और विपक्षी ब्लॉक के लिए 126-146 सीटें का अनुमान लगाया है।
हालांकि, कुछ पोल्स, जैसे लोकपोल, महायुति के लिए 128-142 सीटें और महा विकास आघाडी के लिए 125-140 सीटें का अनुमान लगाते हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि मुकाबला कुछ अन्य अनुमानों की तुलना में अधिक प्रतिस्पर्धात्मक हो सकता है।
झारखंड: NDA की प्रमुख बढ़त
झारखंड में, एग्जिट पोल्स मुख्य रूप से बीजेपी-नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के पक्ष में हैं। उल्लेखनीय अनुमानों में शामिल हैं:
- पीपुल्स पल्स ने NDA के लिए 44-53 सीटें और INDIA ब्लॉक के लिए 25-37 सीटें की भविष्यवाणी की है।
- एक्सिस माय इंडिया एक अलग भविष्यवाणी करते हुए कांग्रेस-JMM गठबंधन को 53 सीटें दिलाने का अनुमान लगाता है, जबकि अन्य पोल NDA के लिए 25-47 सीटें बताते हैं।
हालांकि कुछ समीकरणों में नजदीकी मुकाबले के संकेत मिलते हैं, लेकिन कुल मिलाकर भावना NDA की जीत की ओर झुकी हुई है, जो राज्य में उसके मजबूत पकड़ को दर्शाता है।
ऐतिहासिक संदर्भ: भविष्यवाणियों पर संदेह
एग्जिट पोल्स की विश्वसनीयता पर पिछले चुनावों में मिली ऐतिहासिक गलतियों के कारण सवाल उठते रहे हैं। 2019 महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में, पोल्स ने NDA को 166-194 सीटें जीतने का अनुमान लगाया था, जबकि गठबंधन ने केवल 161 सीटें ही जीतीं। इसी तरह, झारखंड में, एग्जिट पोल्स ने UPA के लिए मजबूत प्रदर्शन की भविष्यवाणी की थी, लेकिन उसने केवल 30 सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी ने 25 सीटें प्राप्त कीं।
इन पिछले आंकड़ों ने वर्तमान अनुमानों के प्रति संदेह को जन्म दिया है, जिससे विश्लेषक और हितधारक इन पूर्वानुमानों को सतर्कता के साथ देख रहे हैं।
एग्जिट पोल्स की सटीकता को प्रभावित करने वाले कारक
एग्जिट पोल्स की सटीकता कई कारकों पर निर्भर करती है, जिनमें शामिल हैं:
- सैंपलिंग विधियाँ: प्रभावी मतदान केंद्रों और मतदाताओं के चयन की प्रक्रिया महत्वपूर्ण है।
- प्रश्नावली डिजाइन: स्पष्ट और तटस्थ प्रश्न अधिक ईमानदार प्रतिक्रियाएँ प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।
- डेटा संग्रह तकनीक: प्रशिक्षित कर्मियों को मतदाताओं की पहचान छिपाने में मदद करनी चाहिए।
- डेटा प्रसंस्करण और विश्लेषण: सांख्यिकीय समायोजन से भविष्यवाणियों की सटीकता प्रभावित होती है।
- मतदाता की ईमानदारी: मतदाता द्वारा अपनी पसंद को सही ढंग से बताने की इच्छा महत्वपूर्ण है।
- राजनीतिक गतिशीलता: मतदाता की भावनाओं में अचानक बदलाव और स्थानीय मुद्दे अप्रत्याशित परिणामों का कारण बन सकते हैं।
23 नवंबर को चुनाव परिणामों की घोषणा होने वाली है। एग्जिट पोल्स से यह संकेत मिलता है कि बीजेपी-नेतृत्व वाले गठबंधन को प्राथमिकता मिली है, लेकिन ऐतिहासिक संदर्भ इन पूर्वानुमानों के भीतर निहित अनिश्चितताओं की याद दिलाता है। जैसे-जैसे स्थिति स्पष्ट होती है, सभी की नजरें इस बात पर हैं कि ये गतिशीलताएँ इन प्रमुख राज्यों में शासन के भविष्य को कैसे आकार देंगी।