Hello, my dear readers! Welcome once again today. In our “Positive Path,” we’ll explore the power of our breath—how it is vital to our well-being and how it connects us to the supreme energy that guides our lives.
हमारी साँस केवल एक शारीरिक प्रक्रिया नहीं है; यह जीवन का आधार है, जो शरीर और आत्मा के बीच एक महत्वपूर्ण पुल का कार्य करती है। जब हम सचेत होकर साँस लेते हैं, तो हम अपने मन और आत्मा के गहरे संबंध को अनुभव कर सकते हैं।
प्राणायाम जैसे श्वास योग के अभ्यास के माध्यम से, जैसे नाड़ी शोधन (अनुलोम-विलोम) और भ्रामरी (मधुमक्खी श्वास) की तकनीकें, हम अपने अंदर के संतुलन और आध्यात्मिक जागरूकता को प्राप्त कर सकते हैं। अगर हम प्रतिदिन इन तकनीकों का अभ्यास करें, तो हम अपने जीवन में शांति, संतुलन, और श्वास तथा ईश्वर के बीच के गहरे संबंध का अनुभव कर सकते हैं।