जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन: राज्य सरकार पर दबाव बढ़ा
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों ने राज्य सरकार की मांगों को पूरा करने में विफलता के खिलाफ आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि सरकार ने समय सीमा के भीतर उनकी मांगों का समाधान नहीं किया, जिससे उन्हें यह कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
मुख्य मांगें
- महिला डॉक्टर के परिवार को न्याय: हाल ही में एक जूनियर महिला चिकित्सक के साथ हुई दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद, डॉक्टर न्याय की मांग कर रहे हैं।
- स्वास्थ्य सचिव का हटाना: डॉक्टरों ने स्वास्थ्य सचिव को पद से हटाने की मांग की है।
- सुरक्षा व्यवस्था में सुधार: सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाने और धमकी की संस्कृति को समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
- डिजिटल निगरानी: अस्पतालों में खाली बेडों की डिजिटल निगरानी और केंद्रीयकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना की भी मांग की गई है।
पारदर्शिता सुनिश्चित करना
अनशन के मंच पर पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, ताकि सभी गतिविधियों की निगरानी की जा सके।
आंदोलन का कारण
जूनियर डॉक्टरों ने स्पष्ट किया है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे भविष्य में भी इस तरह के कठोर कदम उठाने पर विचार करेंगे। यह आंदोलन स्वास्थ्य प्रणाली से जुड़े गंभीर मुद्दों को उजागर करता है, जो न केवल डॉक्टरों बल्कि समस्त स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित कर सकता है।