हर साल 2 अक्टूबर को भारत लाल बहादुर शास्त्री की जन्मतिथि मनाता है, जो देश के दूसरे प्रधानमंत्री और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख नेता थे। उनका जन्म 1904 में मुगलसराय, उत्तर प्रदेश में हुआ था। शास्त्री जी को उनकी ईमानदारी, नेतृत्व और प्रभावशाली नारे “जय जवान, जय किसान” के लिए याद किया जाता है, जो एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के लिए उनके दृष्टिकोण को दर्शाता है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
लाल बहादुर शास्त्री का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा काशी विद्यापीठ से प्राप्त की, जहाँ उन्हें “शास्त्री” की उपाधि मिली। राष्ट्रीयता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के प्रति उनकी प्रारंभिक रुचि ने उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका
शास्त्री जी ने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में सक्रिय भाग लिया और महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए आंदोलनों में शामिल हुए। उनकी अहिंसा और नागरिक अवज्ञा के प्रति प्रतिबद्धता ने उन्हें उनके समकालीनों और जनता के बीच सम्मान दिलाया। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई बार जेल यात्रा की, जिससे उनकी दृढ़ता और समर्पण का पता चलता है।
प्रधानमंत्री पद और प्रमुख योगदान
1964 से 1966 तक प्रधानमंत्री रहने के दौरान, शास्त्री जी ने कई चुनौतियों का सामना किया, जिनमें आर्थिक कठिनाइयाँ और भू-राजनीतिक तनाव शामिल थे। 1965 Indo-Pak War के दौरान उनकी नेतृत्व क्षमता विशेष रूप से महत्वपूर्ण थी। उनका प्रसिद्ध नारा “जय जवान, जय किसान” सैनिकों और किसानों दोनों के योगदान को महत्व देता है।
प्रमुख पहलों:
- हरित क्रांति: शास्त्री जी ने कृषि सुधारों की शुरुआत की, जिससे भारत में खाद्य उत्पादन में काफी वृद्धि हुई।
- श्वेत क्रांति: उन्होंने सहकारी डेयरी पहलों का समर्थन किया, जिसके परिणामस्वरूप अमूल की स्थापना हुई, जिसने भारत को दूध उत्पादन में एक महत्वपूर्ण देश बना दिया।
- ईमानदारी को बढ़ावा: अपनी सादगी और ईमानदारी के लिए जाने जाने वाले शास्त्री जी ने सार्वजनिक सेवा और शासन के लिए एक उच्च मानक स्थापित किया।
विरासत और स्मारक
लाल बहादुर शास्त्री का निधन 11 जनवरी 1966 को ताशकंद, उज्बेकिस्तान में हुआ, थोड़ी देर बाद उन्होंने पाकिस्तान के साथ शांति स्थापित करने के लिए ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर किए। उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न, भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला।लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते है.
लाल बहादुर शास्त्री जयंती केवल स्मरण का दिन नहीं है; यह नेतृत्व, ईमानदारी और देशभक्ति के उन मूल्यों पर विचार करने का अवसर है जिन्हें उन्होंने अपनाया। जब हम इस visionary नेता को सम्मानित करते हैं, तो आइए हम उनके आदर्शों को अपने दैनिक जीवन में अपनाने का प्रयास करें और एक मजबूत राष्ट्र बनाने में योगदान दें।