साइलेंट स्ट्रोक, जिसे असिंप्टोमैटिक स्ट्रोक भी कहा जाता है, तब होता है जब मस्तिष्क की रक्त वाहिका अवरुद्ध हो जाती है, लेकिन व्यक्ति को कोई स्पष्ट लक्षण महसूस नहीं होते। लक्षणों की अनुपस्थिति के बावजूद, यह मस्तिष्क में महत्वपूर्ण क्षति पहुंचा सकता है। साइलेंट स्ट्रोक के कुछ प्रमुख संकेतों पर ध्यान देना आवश्यक है, ताकि समय पर उचित उपचार लिया जा सके।
साइलेंट स्ट्रोक के प्रमुख संकेत
- शरीर के एक तरफ सुन्नता या झुनझुनी: अचानक शरीर के एक हिस्से में सुन्नता या झुनझुनी महसूस होना।
- संतुलन की समस्या: चलने में कठिनाई या संतुलन बनाए रखने में परेशानी।
- याददाश्त में कमी: चीजों को याद रखने या ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई।
- मूड में बदलाव: अचानक बिना कारण हंसना या रोना।
- अन्य मानसिक समस्याएं: निर्णय लेने में कठिनाई या परिचित स्थानों में खो जाना।
महत्वपूर्ण बातें
साइलेंट स्ट्रोक के लक्षण सामान्यतः हल्के होते हैं और अक्सर उम्र बढ़ने के संकेतों के रूप में गलत समझे जाते हैं। इसका पता अक्सर तब चलता है जब व्यक्ति किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या के लिए MRI या CT स्कैन करवाता है। साइलेंट स्ट्रोक भविष्य में गंभीर स्ट्रोक का जोखिम बढ़ाने के साथ वास्कुलर डिमेंशिया का कारण भी बन सकता है।
यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। साइलेंट स्ट्रोक की समय पर पहचान और उपचार भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव के लिए महत्वपूर्ण है।