विनायक नगर की भयावह घटना
बेंगलुरु के व्यालिकावल में एक खूबसूरत सुबह ने एक ऐसी भयावह घटना का सामना किया, जिसने सभी को चौंका दिया। 29 वर्षीय महालक्ष्मी, जो मूल रूप से नेपाल की रहने वाली थीं, पिछले पांच महीनों से अपने किराए के घर में अकेले रह रही थीं। उनकी ज़िंदगी की राहें कई मोड़ों पर आई थीं, लेकिन किसी ने भी नहीं सोचा था कि उनका अंत इस तरह होगा।
एक अनसुलझी पहेली
महालक्ष्मी की हत्या की खबर तब फैली जब पड़ोसियों ने उनके बंद घर से उठती दुर्गंध की शिकायत पुलिस से की। पुलिस जब मौके पर पहुँची, तो उन्हें दरवाजे को तोड़ना पड़ा। अंदर का दृश्य देखकर सभी के होश उड़ गए। महालक्ष्मी का शरीर 30 से अधिक टुकड़ों में काटकर फ्रिज में छिपा हुआ था। फॉरेंसिक टीम ने पाया कि महालक्ष्मी का मोबाइल फोन 2 सितंबर से बंद था।
पुलिस को ये संदेह था कि हत्या घर के भीतर की गई थी। जब महालक्ष्मी के परिवार को सूचना दी गई, तो उनकी माँ की चीखें पूरे मोहल्ले में गूंज उठीं। कोई नहीं जानता था कि महालक्ष्मी की ज़िंदगी में कितना अंधेरा छिपा था।
परिवार की कहानी
पाँच साल पहले महालक्ष्मी की शादी हेमंत दास से हुई थी। दंपति का एक चार साल का बच्चा था, लेकिन समय के साथ उनके रिश्ते में खटास आ गई। महालक्ष्मी ने बेंगलुरु में एक मॉल में सेल्सपर्सन के रूप में काम करना शुरू किया और अपने पड़ोसियों से कम बातचीत की। उनके पूर्व पति ने बताया कि महालक्ष्मी का अशरफ नामक व्यक्ति से अफेयर था।
गृह मंत्री परमेश्वर ने कहा कि आरोपी संभवतः पश्चिम बंगाल में छिपा हुआ है, लेकिन पुलिस ने अभी तक किसी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की थी।
भाई का दर्द
महालक्ष्मी के भाई सुनील, जो कोरमंगला में काम करते थे, को एक रिश्तेदार से इस घटना की जानकारी मिली। उन्होंने कहा, “हमने कुछ समय से एक-दूसरे से बात नहीं की और न ही एक-दूसरे को देखा।” पड़ोसियों ने बताया कि महालक्ष्मी पाँच महीने पहले इस इमारत में आई थीं, लेकिन वह कभी घर पर नहीं होती थीं।
“वह सुबह 9:30 बजे घर से निकल जाती थीं और रात 10:30 बजे वापस आती थीं। एक आदमी, जो उनके भाई होने का दावा करता था, कुछ दिनों तक उनके साथ रहा, लेकिन हमें नहीं पता था कि वह शादीशुदा हैं,” एक पड़ोसी ने कहा।
पुलिस की जांच
पुलिस अब महालक्ष्मी के कार्यस्थल की जांच कर रही है, यह पता लगाने के लिए कि क्यों किसी ने उनकी अनुपस्थिति के बारे में सवाल नहीं उठाया। अधिकारी एक संदिग्ध व्यक्ति की रिपोर्ट का भी अनुसरण कर रहे हैं, जो अक्सर महालक्ष्मी से मिलने आता था।
यह मामला एक बार फिर श्रद्धा वाकर हत्याकांड (आफताब पूनावाला) केस की याद दिलाता है, जहां एक महिला के साथ समान रूप से बर्बरता की गई थी। दोनों मामलों में, एक औरत के व्यक्तिगत जीवन की जटिलताएँ और उसके रिश्तों में खटास सामने आई हैं।
यह घटना हमारे समाज में महिलाओं की सुरक्षा की चिंता को उजागर करती है। जब तक हम अपने आस-पास के लोगों के प्रति सजग नहीं होंगे, तब तक ऐसी घटनाएँ होती रहेंगी। बेंगलुरु की गलियों में अब महालक्ष्मी की कहानी एक अनसुलझी पहेली बनकर रह गई है, लेकिन पुलिस और जांचकर्ता तेजी से काम कर रहे हैं ताकि उस आदमी का पता लगाया जा सके, जो इस दुखद घटना में शामिल है। हर एक हत्या एक सवाल छोड़ जाती है क्या हम अपने समाज को सुरक्षित बनाने के लिए तैयार हैं? महालक्ष्मी की कहानी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम सच में महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार हैं, या यह सिर्फ एक और भयानक कहानी बनकर रह जाएगी।