नवरात्रि के छठे दिन देशभर में श्रद्धालु मां कात्यायनी की पूजा अर्चना करते हुए उनकी कृपा प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। मां कात्यायनी को देवी दुर्गा के योद्धा स्वरूप के रूप में पूजा जाता है, जिन्होंने महिषासुर का वध कर बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक स्थापित किया था।
इस पावन दिन पर मां कात्यायनी की पूजा से भक्तों को साहस, शक्ति और जीवन की कठिनाइयों को पार करने की क्षमता प्राप्त होती है। मंदिरों और घरों में भक्तों ने विशेष पूजा-पाठ का आयोजन किया और मां को लाल फूल, गुड़, और मिठाइयां अर्पित कीं।
मां कात्यायनी का आशीर्वाद विशेष रूप से अविवाहित कन्याओं के लिए माना जाता है, जो अच्छे जीवनसाथी की कामना करती हैं। इस दिन कई युवा लड़कियां व्रत रखकर मां से वैवाहिक सुख और समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।
लाल रंग, जो शक्ति और भक्ति का प्रतीक है, इस दिन प्रमुख होता है। श्रद्धालुओं ने लाल वस्त्र धारण कर मां के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। भक्तजन मां कात्यायनी का मंत्र “ॐ देवी कात्यायन्यै नमः” का जाप कर उनकी कृपा पाने का प्रयास करते हैं।
इस दिन के साथ नवरात्रि का उत्साह और भी अधिक बढ़ जाता है, जहां भक्तजन शक्ति, साहस और विजय की प्राप्ति के लिए मां की पूजा करते हैं। सामूहिक भजन, नृत्य और प्रसाद वितरण के साथ यह पर्व सामूहिकता और भक्ति की भावना को सशक्त करता है।