नवरात्रि के पवित्र नौ दिनों के उत्सव में पांचवें दिन मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। इस दिन मां का वह रूप पूजा जाता है जो मातृत्व, सुरक्षा और साहस का प्रतीक है। स्कंदमाता, भगवान स्कंद (कार्तिकेय) की माता हैं, जो देवताओं की सेना के सेनापति माने जाते हैं।
मां स्कंदमाता कौन हैं?
मां स्कंदमाता को उनके पुत्र स्कंद के साथ चित्रित किया जाता है, जो उनकी गोद में बैठे होते हैं। यह उनकी मातृत्व शक्ति का प्रतीक है। “स्कंद” का अर्थ है “योद्धा” और “माता” का अर्थ है “मां”, जिससे यह स्वरूप न केवल मातृत्व का बल्कि युद्धक्षेत्र में साहस और वीरता का भी प्रतीक है। मां स्कंदमाता अपने भक्तों को ज्ञान, साहस और सुरक्षा प्रदान करती हैं।
स्कंदमाता की प्रतिमा और प्रतीक
- कमल पर विराजमान: मां स्कंदमाता को कमल पर बैठे दिखाया जाता है, जो शुद्धता और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है।
- चार भुजाएं: उनके चार हाथों में से एक में स्कंद, दो में कमल और चौथा हाथ अभय मुद्रा में रहता है, जो भय से मुक्ति और आशीर्वाद का प्रतीक है।
- सिंह वाहन: मां का वाहन सिंह है, जो उनके साहस और शक्ति का प्रतीक है।
स्कंदमाता की पूजा का महत्व
मां स्कंदमाता की पूजा करने से भक्तों को जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने की शक्ति और ज्ञान प्राप्त होता है। माना जाता है कि उनकी कृपा से सभी दुखों और कष्टों से मुक्ति मिलती है, और जीवन में समृद्धि, शांति और आनंद की प्राप्ति होती है। इस दिन मां की पूजा विशेष रूप से साहस और आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए की जाती है।
पूजा विधि और भोग
नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं:
- भोग और प्रसाद: भक्त मां को सफेद या पीले फूल, फल और विशेष रूप से पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण) का भोग चढ़ाते हैं।
- मंत्र: मां का ध्यान करते हुए “ॐ देवी स्कंदमातायै नमः” मंत्र का जाप किया जाता है, जिससे भक्तों को मानसिक शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- दिन का रंग: इस दिन का रंग पीला होता है, जो खुशी और ज्ञान का प्रतीक है।
पूजा का आध्यात्मिक लाभ
मां स्कंदमाता की पूजा करने से भक्तों को आत्मबल और साहस प्राप्त होता है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो अपने जीवन की कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं और आध्यात्मिक मार्ग पर अग्रसर होना चाहते हैं। मां की कृपा से जीवन की समस्याओं का समाधान सहजता से प्राप्त होता है।
नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा हमें मातृत्व की शक्ति का एहसास कराती है, जो एक ओर nurturing और दूसरी ओर साहसी होती है। मां की कृपा से हम जीवन के हर संघर्ष का सामना धैर्य और आत्मविश्वास से कर सकते हैं।
इस नवरात्रि, मां स्कंदमाता की पूजा कर अपने जीवन में ज्ञान, साहस और शांति का स्वागत करें।