आज भाई दूज का पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते में प्यार, स्नेह और सुरक्षा का प्रतीक है। भाई दूज, जिसे भाऊ बीज, भाई फोटा या यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है, हर साल दीवाली के बाद मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से उन अनमोल रिश्तों को समर्पित है, जो परिवारों में प्रेम और एकता को बढ़ावा देते हैं।
भाई दूज के इस पावन अवसर पर बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं। यह दिन बहनों के लिए अपने भाइयों को तिलक करने, आरती उतारने और मिठाइयों का भोग अर्पित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। भाई अपनी बहनों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों और सुरक्षा का वादा करते हैं, जिससे यह रिश्ता और भी मजबूत बनता है।
हर साल की तरह, इस बार भी, बहनों ने सुबह-सुबह अपने घरों को सजाया है। वे अपने भाइयों के लिए विशेष पकवान तैयार करती हैं, जैसे की मिठाइयाँ और स्नैक्स। भाइयों के लिए यह दिन विशेष होता है, क्योंकि वे अपनी बहनों को उपहार देकर उनके प्रति अपने प्रेम का इजहार करते हैं।
भाई दूज का पर्व न केवल भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने का अवसर है, बल्कि यह परिवारों के बीच एकता और भाईचारे को भी बढ़ावा देता है। इस दिन, लोग एक-दूसरे के घर जाकर भाई दूज की शुभकामनाएँ देते हैं और परिवारिक बंधनों को और भी मजबूत बनाते हैं।
इस त्योहार की पृष्ठभूमि भी काफी रोचक है। हिंदू पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि भगवान यमराज अपनी बहन यमुनाजी से मिलने के लिए आए थे, और यमुनाजी ने उन्हें अपने प्यार और सम्मान से तिलक किया। इसके फलस्वरूप यमराज ने यह घोषणा की कि जो भी भाई अपनी बहन से तिलक प्राप्त करेगा, उसकी लंबी उम्र होगी। इसी वजह से भाई दूज पर बहनें अपने भाइयों को तिलक करके उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं।
भाई दूज का यह पर्व भाई-बहन के अटूट रिश्ते और उनके बीच के स्नेह को सम्मान देने का अवसर है। इस दिन, परिवार के सभी सदस्य एकत्र होते हैं, एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं और अपने रिश्तों को और भी मजबूत बनाते हैं। इस विशेष दिन पर हम सभी भाई-बहनों को अपने रिश्तों की महत्ता को समझना चाहिए और उन्हें और भी गहरा बनाना चाहिए।
भाई दूज की सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ!